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विटामिन तथा खजिन द्रव्यों के प्राकृतिक स्रोत - Natural Sources of Vitamins and Minerals

आयुर्वेद मतानुसार व्यक्ति अपने रोजमर्स में लिए जाने वाले भोजन से ही विटामिन तथा खनिज द्रव्यों को ग्रहण कर सकता है। अतः हमें विटामिन ए खनिज द्रव्यों सोतों को जानकर उसके अनुरूप पोषक तत्वों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। हमारे भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में सभी प्रकार की सब्जियाँ, फल, मेवे तथा अनाज शामिल होने चाहिए। जैसे कि पौधों के द्वारा विटामिन डी का निर्माण नहीं हो पाता है किन्तु जान्तव द्रव्यों से विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है, मछली तथा दूध से विटामिन डी प्राप्त होता है। मनुष्यों को सूर्य की पराबैंगनी किरणों के माध्यम से विटामिन डी का निर्माण करती है।




विटामिनों के विभिन्न प्राकृतिक स्रोत


1. विटामिन ए विटामिन ए को रेटिनोल भी कहते है यह अच्छी दृष्टि चमकदार त्वचा के लिए फायदेमंद है। विटामिन ए के अच्छे स्रोत है सेब गाजर मूली कद, बोकली, जी शलजम, आडू गेहूँ, मक्कर, आम, संतरा, शकरकवी आदि जान्तय द्रव्यों में अण्डा दूध एवं मास (यकृत) में प्रचुर मात्रा में मिलता है। विटामिन ए नष्ट हो जाता है।


2. विटामिन बी विटामिन बी इसे थायमिन भी कहते हैं साबुत अनाज सोयाबीन, फलियों मे लीवर से विटामिन बी के अच्छे स्रोत है।


3. विटामिन बी इसे राइबोफ्लेविन भी कहते हैं। बोकली अनाज, पालक शतावरी तथा अण्डा दूध विटामिन बी के अच्छे स्रोत है।


4. विटामिन बी इसे नियासिन भी कहते है। पालक हरी सब्जियाँ बायलों की


भूसी आलू, टमाटर, दूध, अण्डा आदि विटामिन बी-3 के अच्छे स्रोत है।


5. विटामिन बी6 इसे पायरीडाक्सिन भी कहते हैं। यह अनाजों मेवी, फलियों अण्डे का पीला भाग, दूरचित मटन में पाया जाता है।


6. विटामिन बी 12- इसे सायनोकोबालेमिन भी कहते हैं। यह मुख्यतया गाय का दूध किडनी लीवर सालमन मछली में पाया जाता है। यह पेड़ पौधों में प्राय: नहीं पाया जाता।


7. विटामिन सी इसे एसकोर्बिक एसिद्ध भी कहते है। अमरूद, संतरा, बोकली, आँवला, नीबू गोभी, अनानास, स्ट्राबेरी, ता] सभी फल विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोत है जवले में उपस्थित विटामिन सी पकाने पर भी नष्ट होता है।



2. विटामिन ई इसे टोकोफसल भी कहते हैं। यह हरी सब्जियाँ, सोयाबीन, सूरजमुखी के बीज अंकुरित धान्य में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त प मछली तथा कौड लीवर के तेल में यह पाया जाता है।


10. विटामिन के इसका शरीर में स्वंय भी निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त वह हरी सब्जियां, जैसे सताय पल्ला लागोभी, पालक, फूलगोगी तथा दालों में भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।


11. खनिज द्रव्यों के स्रोत शरीर के उचित तथा सम्पूर्ण विकास के लिए विटामिन के साथ ही साथ कुछ खनिजों की भी आवश्यकता होती है। शरीर को कुछ व्य बहुत खनिज द्रव्यों की भी आवश्यकता होती है। शरीर को कुछ दव्य बहुत कम मात्रा तथा कुछ दव्य अधिक मात्रा में चाहिए होते हैं। नीचे कुछ प्रमुख खनिज (जो शरीर के लिए आवश्यक है तथा उनके स्रोत वर्णित है कैल्शियम यह मजबूतड़यो, दातो तथा त्रिका तंत्र के लिए आवश्यक है। यह दूध पदार्थ, पत्तागोभी बोली सालमन मछली तथा अन्य समुद्री भोजन से मिलता है।


फ्लोराइड हदाँतों को मजबूती प्रदान करता है तथा दाँतों को सड़ने से रोकता है। यह समुद्री जीवों के मांस में पाया जाता है।


आयरन (लोह) यह रक्त के मुख्य अंश हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है। यहां पालक, टमाटर, बोकली. हरी सब्जियों हरा धनियाँ, बथुवा, सिप में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।


आयोडीन यह थायराइड हार्मोन का एक अंश है जो व्यक्ति विशेष के विकास को नियमित करता है। आयोडीन समुद्री भोजन तथा समुद्री नमक में भी पाया जाता है। दूध तथा गेहूँ में भी सूक्ष्म मात्रा में पाया जाता है।


फास्फोरस यह शरीर की कोशिका तथा ऊतकों के निर्माण में सहायक होता है। यह होतो तथा शरीर की अम्लीयता या क्षारीयता को बनाये रखने में सहायक है। यह दूध, अनाज मछली तथा मीट से मिलता है।


मैगनीशियम यह स्वस्थयों तो तांत्रिका तंत्र तथा उचित उपापचय के लिए आवश्यक है। यह हरी सब्जियों, फलियो मछली मुर्गा तथा मीट से मिलता है। किसी भी एक प्रकार के भोजन से अथवा सब्जी या फल से सभी विटामिन या खनिज प्राप्त नहीं किये जा सकते अंत स्वस्थ शरीर के निर्माण के लिए हमे अपने भोजन में सभी प्रकार के फलों, अनाज, मेवे तथा सब्जियों को शामिल करना चाहिए शाकाहारी लोगों को अधिक मात्रा में दालों तथा हरे मटर का सेवन करना



चाहिए जिससे उचित मात्रा में प्रोटीन मिल सके उचित मात्रा में सभी पोषक तत्वों को ग्रहण करने से शरीर स्वस्थ व पुष्ट होता है।